दैनिक जागरण, “शिक्षकों की तैनाती में बीईओ ने की उगाही”

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BSA demanding money for appointment of assistant primary teachers in Uttar Pradesh. A teachers union asked to check it off and proceed against the perpetrators.

परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर तैनाती के नाम पर प्रशिक्षु शिक्षकों से खंड शिक्षाधिकारियों ने जमकर धन उगाही की। जिन प्रशिक्षुओं ने विभाग के सभी मानक पूरे कर दिए उन्हें टरका दिया गया। इसकी भनक लगने पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिले के सभी ब्लॉकों की अपने स्तर से छानबीन कराई तो सारे तथ्य उभर कर सामने आए। इसके बाद शिक्षक संघ राजकिशोर सिंह व जिला मंत्री रवींद्र कुमार दीक्षित ने बीएसए को मांग पत्र देकर पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई करने की आवाज उठाई है। 1शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजकिशोर ने बीएसए को दिए गए पत्र में कहा है कि 10 नवंबर को जिले में करीब चार हजार शिक्षकों की तैनाती के लिए नियुक्ति पत्र ब्लॉक स्तर से वितरित कराए गए। इस दौरान कार्यभार ग्रहण कराने के एवज में खंड शिक्षाधिकारियों ने जमकर धन उगाही की है। बीईओ ऐलिया रमन सिंह ने बीएसए के हवाले से सूचना प्रकाशित की कि बीएसए ने कार्यभार ग्रहण कराने पर रोक लगाई है। उनकी अनुमति मिलने के बाद ही शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी। जिन अधिकारियों द्वारा 18 नवंबर से पूर्व कार्यभार ग्रहण कराने का विरोध किया गया उन्हीं ने अनुमति देकर शिक्षकों को कार्यभार 14 नवंबर को ही ग्रहण करा दिया गया। ऐलिया, मछरेहटा ब्लॉक क्षेत्र में पहले अनुमति 18 नवंबर को देने की बात कही गई बाद में 14 नवंबर कर को कार्यभार ग्रहण करा दिया गया। वहीं हरगांव में शिक्षकों को 18 नवंबर को तैनाती देकर उनके साथ भेदभाव क्यों किया गया। शिक्षक संघ द्वारा जब धन उगाही कर रहे बीईओ से बात करने का प्रयास किया तो उनके साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। शिक्षक संघ ने बीएसए से मांग की है कि हर ब्लॉक में कार्यभार ग्रहण कराने में अलग-अलग मानदंड क्यों अपनाए गए। इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ऐसा न हुआ तो शिक्षक संघ आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर होगा।

 

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