UP Teachers – Beware of fake recruitment – Jagran News

एक निजी संस्था ने जिले में करीब चार हजार शिक्षकों की भर्ती कर डाली। वह गांव-गांव इन्हीं शिक्षकों के घरों पर शिक्षण कार्य भी कराने का दावा कर रही है। भर्ती के नाम पर लाखों रुपये शुल्क भी वसूला जा चुका है। इसके लिए इंटरनेट पर वेबसाइट तैयार कर सर्व शिक्षा अभियान के सरकारी लोगो (प्रतीक चिह्न) का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह गोरखधंधा प्रदेश के प्रतापगढ़, अमेठी, जौनपुर व इलाहाबाद आदि जिलों में भी किया जा रहा है। हैरत की बात है कि शिक्षा विभाग व प्रशासन बेखबर है।
सर्व सुलभ शिक्षा कार्यक्त्रम के तहत लारेंस एजूकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी नाम की संस्था ने गत वर्ष नवंबर-दिसंबर महीने में कुछेक समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया। इस स्वयंसेवी संस्था का पंजीकरण आजमगढ़ जिले में होना बताया गया। इंटरनेट पर इसकी वेबसाइट डब्ल्यू़डब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सर्व सुलभ शिक्षा डॉट कॉम है। इस वेबसाइट पर केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के लोगो का इस्तेमाल किया गया है। विज्ञापन में प्रत्येक ग्राम पंचायत में आठ व नगर के वार्ड स्तर पर इतने ही सहायक व सहायिकाओं के चयन की बात प्रकाशित की गई है। इसमें शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट और मानदेय ढाई हजार रुपये दर्शाया गया है।
छह से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षण देने के लिए आवेदकों से ढाई-ढाई सौ रुपये संस्था शुल्क के नाम पर जमा कराए गए। इसके लिए विकास खंडों में खंड प्रसार अधिकारियों तथा तहसील प्रसार अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है। विज्ञापन प्रकाशित होने के साथ ही इंटरनेट के जरिए मिली इस सूचना के आधार पर बेरोजगारों शिक्षितों ने भर्ती के लिए कतार लगा ली। बताया गया कि अंबेडकरनगर जिले में अब तक चार हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। अन्य जिलों में इस संस्था ने संजाल फैला रखा है। जिस का शिकार तमाम युवा हो रहे हैं।
हालांकि इस बाबत संस्था के कथित जिला प्रसार अधिकारी ने निदेशक प्रदीप कुमार अस्थाना से दूरभाष पर बात कराई। उनका कहना है कि उनकी संस्था वैध है, उपरोक्त जिलों में गांव-गांव शैक्षणिक कार्य किया जा रहा है। इसका पंजीयन कराया गया है। शासन स्तर से संस्था को फर्जी करार दिए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
It’s really very painful for us; They are making fun of our situation, and that’s not good in any way . All I can say is that one should be very careful about fake notifications .

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